अनुभूति में प्रत्यक्षा की रचनाएँ-
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संकलन में- दिये जलाओ- लाल सूरज हँसता है प्रणय गीत दीपावली मौसम- मौसम गुलमोहर- गुलमोहर: तीन दृश्य
मेरी छत
मेरी छत वहाँ से शुरू होती है जहाँ से तुम्हारी ज़मीन ख़त्म होती है
रौशनी का एक गोल टुकड़ा बरस जाता है किरणें बुन लेती हैं अपनी दीवार
और हमारा घर धूप, साये, परिंदो और बादल से होड़ लगाता झूम जाता है हमारी आँखों में
९ सितंबर २००६
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