फैली थी महामारी
एक बार फैली थी महामारी
देखते-देखते
पूरा गाँव खाली हो गया था
यहाँ तक कि जानवर भी नहीं बच
पाए थे
महामारी के प्रकोप से
एक बार आया था
बहुत भयानक भूकम्प
धरती ऐसी काँपी थी कि
नेस्तनाबूत हो गया था पूरा गाँव
एक बार गाँव के बीचो-बीच
फूट पड़ा था ज्वालामुखी
जलकर राख हो गए थे
गाँव के बाग-बगीचे तक
एक बार आया था प्रलय
ऐसा महाप्रलय कि
उसमें समा गया था पूरा गाँव
इसबार न फैली महामारी
न भूकम्प से थरथराई धरती
न ज्वालामुखी से उमड़ा आग का दरिया
न ही हुआ प्रलय का महाविनाशक तांडव
फिर भी डूब गया एक गाँव हरसूद
हरसूद डूब गया
अपनी सभ्यता-परम्परा और
जीवन की कलाओं के साथ। |