बढ़ रहा है नदी
में पानी बढ़ रहा है
नदी में पानी
चढ़ रहा है गाँव पर
कसमसा रहे हैं खेत
वर्षों पैदा किया अनाज
अब जम जाएगी उन पर काई
या उनके अंदर बची हुई जड़ें
सड़कर बदबू फैलाएँगी
हो जाएगा जीना मुहाल
मर जाएँगे खेत
चिल्ला रहे हैं
अरे आओ रे आओ
बचाओ कोई
आधा डूब चुका है बूढ़ा पीपल
और पानी चढ़ रहा है लगातार
वर डूबते हुए आदमी की तरह
अपनी टहनियों को ऊपर उठाए
चिल्ला रहा है
अरे आओ रे आओ
बचाओ कोई
अभी मेरे जिम्में बहुत सारी
मन्नतें हैं
जिनको पूरा करना है
अपनी छाया में खेलते-कूदते बच्चों को
जवान होते देखना हैं
बहुत सारे तीज-त्यौहारों में शामिल होना है
एक घर जो बचा रह गया था
सरकारी बुल्डोजरों और हथौड़ों से
न रो रहा है
न बचाव के लिए चिल्ला रहा है
खुद के आँसुओं से
गल रहीं हैं उसकी दीवारें
और चढ़ रहा है नदी का पानी
घर जल समाधि लगा रहा है
देखते-देखते डूब गया हरसूद
हाथियों नीचे पानी में
और पानी की सतह पर
एक स्लेट तैर रही हैं
जिसपर लिखा है कखग। |