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ऊँचा पेड़
खजूर का |
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ऊँचा पेड़ खजूर का भइया
किसका भला करे।
1
महलों में है सुख की छइया
कुटिया में तड़फे है दुखिया
कुटिल-तन्त्र आरी भइया
जन पर चला करे।
ऊँचा पेड़ खजूर का भइया
किसका भला करे।
1
भूख गरीबी भय मँहगाई
अब के मिट जायेगी भाई
हमदर्दी की बतिया भइया
नित-नित छला करे।
ऊँचा पेड़ खजूर का भइया
किसका भला करे।
1
शिक्षा उनको साधन उनको
पदवी और सिंहासन उनको
'होरी' का ललवा तो भइया
सबको खला करे।
ऊँचा पेड़
खजूर का भइया
किसका भला करे।
1
- टीकमचंद ढोडरिया |
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इस सप्ताह
गीतों में-
अंजुमन में-
छंदमुक्त में-
छोटी कविताओं में-
पुनर्पाठ में-
पिछले सप्ताह
१२ जनवरी को
संक्रांति विशेषांक
में
गीतों में-
अनुराग
तिवारी,
अश्विनी कुमार विष्णु,
आभा
सक्सेना,
उमा प्रसाद
लोधी,
ओम
प्रकाश तिवारी,
कल्पना
रामानी,
कुमार
गौरव अजीतेन्दु,
कुमार
रवीन्द्र,
कृष्ण
नंदन मौर्य,
गीता
पंडित,
गीतिका वेदिका,
ज्योत्सना
शर्मा,
धर्मेन्द्र कुमार सिंह,
निशा
कोठारी,
पंकज
परिमल,
प्रदीप
शुक्ल,
परमेश्वर फुँकवाल,
पवन प्रताप सिंह
'पवन',
भावना तिवारी,
रंजना
गुप्ता,
रणवीर
भदौरिया,
रचना श्रीवास्तव,
रविशंकर
मिश्र रवि,
राजा
अवस्थी,
रामशिरोमणि पाठक,
रामानुज
त्रिपाठी,
रोहित
रूसिया,
शशिकांत गीते,
शशि
पाधा,
शशि
पुरवार,
संजीव
वर्मा सलिल,
सत्यनारायण,
संध्या
सिंह,
सीमा
अग्रवाल,
सीमा
हरिशर्मा,
सुरेश
पंडा,
सुरेन्द्रपाल वैद्य दोहों में-
ज्योतिर्मयी पंत,
मंजु
गुप्ता,
त्रिलोक सिंह ठकुरेला क्षणिकाओं में-
आभा खरे,
परमेश्वर फुँकवाल,
सरस्वती माथुर
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