जीवन और भावना
भावना का नाम जीवन।
नित्य निर्मल प्यार की
आराधना का नाम जीवन।।
कल्पनाओं के मनोरम,
नीड़ का निर्माण कर के।
प्राण में पावन प्रणय के,
मिलन का निर्वाण भर के।
सत्य, शिव, सौन्दर्य की शुचि
साधना का नाम जीवन।।
सुख मिले, हँसता रहे मन,
दु:ख मिले, हँसता रहे मन,
हो निराश ही निराशा,
किन्तु हो विचलित नहीं मन।
हर दशा में प्रगति की चिर
कामना का नाम जीवन।।
कौन है अपना - पराया,
है नियति की मात्र माया।
सत्य है शाश्वत अखंडित,
दृश्य सत की मात्र छाया।
विश्व में आत्मत्त्व की सद
भावना का नाम जीवन।।
(देव और दानव काव्य संग्रह से)
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