रात दिन डरती
हुई-सी रात दिन डरती हुई-सी
ज़िन्दगी का अर्थ क्या,
दायरा तम का बढ़ा तो रोशनी का अर्थ क्या।
खुद किनारों को बनाती और खुद ही
तोड़ती,
बाढ़ में आई हुई ऐसी नदी का अर्थ क्या।
बाँध कर भागीरथों ने खुद मुहाने पर
रखा,
रेत होती जा रही भागीरथी का अर्थ क्या।
कातिलों के बन गये रिश्ते सलाखों से
स्वयं,
हाथ लंबे जुर्म के तो हथकड़ी का अर्थ क्या।
मन अगर गम के समन्दर में कहीं डूबा
हुआ,
तन खुशी के घाट भी हो तो खुशी का अर्थ क्या।
घर जला कर जब हमारा हो रही है
रोशनी,
हाथ में जलती हुई इक फुलझड़ी का अर्थ क्या।
वक्त पर इक दूसरे के काम तो आए नही,
यार 'भारद्वाज' ऐसी दोस्ती का अर्थ क्या।
१४ सितंबर २००९ |