रोज़ हमेशा खुश रहो
ज़िंदगी में हैं कितने पल
जीवन रहे या न रहे कल
रोज़ हमेशा खुश रहो
बंद कर देखना भविष्यफल
छोड़ चिंता कल की
रोज़ हमेशा खुश रहो।
हर पल है मूल्यवान
है तू भाग्यवान
रोज़ हमेशा खुश रहो।
दिल कि धक-धक
देती है तुम्हें ये हक
रोज़ हमेशा खुश रहो।
हर घड़ी में है मस्ती
देखो है ये कितनी सस्ती
रोज़ हमेशा खुश रहो।
कम कर अपनी व्यस्तता
जीने का निकालो सही रास्ता
रोज़ हमेशा खुश रहो।
पल-पल में जीना सीखो
चेहरे पर लाकर मुस्कान
रोज़ हमेशा खुश रहो।
काम नहीं होगा कभी ख़त्म
उसमें से ही निकालो वक्त
रोज़ हमेशा खुश रहो।
दुश्मनी में न करो समय बरबाद
दोस्तों से कर लो अपनी दुनिया आबाद
रोज़ हमेशा खुश रहो।
कर ग़रीबों का भला
पाओ मन का सुकून
रोज़ हमेशा खुश रहो।
ख़्वाबों से बाहर निकल
रंग बिरंगी दुनिया देखो
रोज़ हमेशा खुश रहो।
कम कर अपनी चाहत
बन कर दूसरों का सहारा
रोज़ हमेशा खुश रहो।
बाँट कर दुख दर्द सबका
भुला कर अपना पराया
रोज़ हमेशा खुश रहो।
जीवन को ना तौल पैसों से
ये तो है अनमोल
रोज़ हमेशा खुश रहो।
सुख और दुख को पहचान
है ये जीवन का रस
रोज़ हमेशा खुश रहो।
ईश्वर ने बनाया सबको एक है
तू भी बनकर नेक
रोज़ हमेशा खुश रहो।
अपने साथ दूसरों के आँसू पोंछ
पीकर ग़म पराया
रोज़ हमेशा खुश रहो।
खुश रहकर बाँटो खुशियाँ
मुसकुराते हुए बिखेरो फूलों की कलियाँ
रोज़ हमेशा खुश रहो।
बाँध ले तू ये गाँठ
समझ ले मेरी बात
पढ़ कर मेरी कविता बार-बार
रोज़ हमेशा खुश रहो।
रोज़ हमेशा खुश रहो।
24 जनवरी 2007
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