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नव वर्ष का संदेश

नए वर्ष का सूरज चमका
लेकर आया नया सवेरा।
पेड़ पौधों ने भी अपनी
बाँह पसारी
करने के लिए
नव वर्ष का अभिनंदन।
बह रहा है पवन भी
देखो लेकर एक नई उमंग।
शांत समंदर भी मचल उठा है
बन कर एक तरंग।
पशु पक्षियों ने भी घोला
वातावरण में मधुर गीत-संगीत।
फूलों ने खुशबू बिखेर
फैलाया चहुँ ओर आनंद ही आनंद।
फैला अंतर्मन में
एक दिव्य ज्योति,
घुला जीवन में एक
मधुर रस,
नए साल के स्वागत में
तुम भी हे मानव!
लग जाओ अब बस।
मिटा हिंसा को
फैला कर मानवता का संदेश,
प्रकट करो तुम भी
अपनी 'अभिव्यक्ति',
अपना कर नव वर्ष का
ये पावन उद्देश्य।।

24 जनवरी 2007

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