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शंभु शरण मंडल

जन्म तिथि- २१ अप्रैल १९६८
शिक्षा - बीए ऑनर्स अर्थशास्त्र

कार्यक्षेत्र-
संप्रति वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिशद्, भारत सरकार, नई दिल्ली की इकाई, केन्द्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान धनबाद, झारखण्ड में अनुभाग अधिकारी के पद पर कार्यरत।

नवगीत, कहानी एवं कविताएँ लिखने में रुचि। भारत की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। वेब पर भी अनुभूति व नवगीत की पाठशला सहित अनेक स्थानों पर नियमित लेखन व प्रकाशन।

ईमेल-
mandalss@gmail.com

 

अनुभूति में शंभु शरण मंडल की रचनाएँ— 

नये गीतों में-
ओ फागुन के मीत
खोलें मन की गठरी कैसे
दिल मेरा बिन बात बसंती
धुनिया
फेंको अपना जाल मछेरा
बरसाने का हाल

गीतों में-
अपनी डफली अपने राग
एक सुबह फिर आई
ऐसे भी कुछ पल
चलो बचाएँ धरती अपनी
ज्योति की खुशी
झूठी झूठी हरियाली
डोर वतन की हाथ में जिसके
डोलपाती
तू मतलब का मूसल रे
तेरी पाती मिली
दरोगा जी
नौबजिया फूल
बाल मजदूर
बालकनी में
बेहतर दिन
यह तो देखिए
रोटी की चाह
वादों की मुरली

सजन तुम आ जाओ
हे कुर्सी महरानी

संकलन में-
नया साल- एक नया पल आए
        - हो मंगलमय यह वर्ष नया
फागुन- आझूलें बाहों में
दीप धरो- ये कैसी उजियारी है
नयनन में नंदलाल- तुम्हीं ने
होली है- फागुन की अगुआई में
हरसिंगार- हरसे हरसिंगार सखी

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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