सम्मोहन
प्रसिद्धि के
रॉबिनहुड घोड़े का
जिक्र यूँ
बीमार हों या
आयकर का नोटिस
मिला हो
दुआओं में उठने लगते हाथ
करोड़ों
हमारा सुख
हमारा दुख
माचिस की तीली से
कान खुजाने जैसे
आनंद सा
संदर्भच्युत
पुराने लकड़ी के
संदूक में
उत्तरोत्तर पीले होते
पन्नों वाली
कोई किताब
होती धूमिल
दैवीय आनंद बिखेरती
असुध
भानमती के कुनबे से
सरकता साँप
आस्तीनों में घुस जाता
चुपचाप
सराहना में जन
खो जाते
अपने
आप
२८ जून २०१० |