मोनिका को रोना
क्यों आता है? जब भी
जेल के कमरे में जाने को कहा जाता है,
सुना है कि मोनिका को रोना आता है।
वैसे मोनिका के लिये जेल कोई
नई चीज़ नहीं है,
विदेशी जेल से उसका पुराना नाता है।
पुर्तगाल की जेल में महीनों जलवे बिखेर चुकी है,
पर यहाँ जेल में मेकअप धुल जाता है।
मोनिका को शिकायत है कि जेल
में गद्दे नहीं हैं,
ए. सी. के बिना उसको पसीना आता है।
मोबाइल बिन कैसे कटें दिन और बिन टी. वी. के,
किसी फैन का चेहरा नज़र नहीं आता है।
मेरी समझ में मोनिका की
शिकायत में है बड़ा दम,
आंध्र की जेल में ठीक ही रोना आता है।
पर वह अपने को यू. पी. जेल में क्यों नहीं बदलवाती,
जहाँ गद्दा, मोबाइल, प्रेमी सब मिल जाता है?
नहीं तो डाक्टर 'प्रसन्न
होकर` भेज देंगें अस्पताल,
जहाँ फैऩ्स व मीडिया का लग जाएगा तांता है।
और फिर बन जाएगी एक मोनिका फैन्स एसोसियेशन,
जिसका अध्यक्ष होगा मंत्री का पुत्र या भ्राता है।
मोनिका जी आप बडे दिन बाद आई
हैं हिंदुस्तान,
आपको यू. पी., बिहार की प्रगति नहीं पता है?
माफ़ियाओं हेतु यहाँ की जेलें बन चुकीं हैं ससुराल,
भला आप जैसा वहाँ जाकर कोई रोता है?
आप के वकील की अक्ल कहाँ चर
रही है घास,
उसकी अक्ल पर अवश्य मुझे रोना आता है।
दक्षिण में आप की जान को ख़तरा बताकर,
आप के तबादले की दरख़्वास्त क्यों नहीं लगाता है?
जब भी जेल के कमरे में जाने
को कहा जाता है,
सुना है कि मोनिका को रोना आता है।
१६ जनवरी २००६
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