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प्रदीप कांत

जन्म-
२२ मार्च १९६८, रावत भाटा (राजस्थान)

शिक्षा-
स्नातकोत्तर (भौतिकी व गणित)

कार्यक्षेत्र-
परमाणु ऊर्जा वैज्ञानिक होने के साथ साथ साहित्य, संगीत, कला, नाटक, फोटोग्राफी के क्षेत्र में सक्रिय।

प्रकाशित कृतियाँ-
गजल संग्रह- किस्सागोई करती आँखें - के अतिरिक्त सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं, आकाशवाणी, दूरदर्शन तथा वेब पर रचनाएँ प्रकाशित।

सम्प्रति :
राजा रामन्ना प्रगत प्रोद्यौगिकी केन्द्र (परमाणु ऊर्जा विभाग), इन्दौर में वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर कार्यरत

ब्लॉग - तत्सम

ई मेल-  kant१ अक्टूबर २०२३008@rediffmail.com

  अनुभूति में प्रदीप कांत की रचनाएँ -

नयी रचनाओं में-
उठो जमूरे
काशी के हम पण्डे जी
क्या लिखते हो
ठसक वही की वही रही

मौन विदुर से

गीतों में-
ख्वाब वक्त ने जिनके कुतरे
छेदों वाला पाल बुना रे

लिक्खें किसको अब चिट्ठी

अंजुमन में-
इतना क्यों बेकल
खुशी भले पैताने रखना
थोड़े अपने हिस्से
धूप खड़ी दरवाज़े

अगली कारगुजारी में
अब करें भी हम दुआ क्या
घाटों के ना घर के साहब
बेबसों की बेबसी की
मुझको भी है भान अभी

छंदमुक्त में-
आजकल
कितने ही राम
कैसे
चिड़िया और कविता
चिड़िया की पलकों में
दीवारें
बचपन
मित्र के जन्म दिन पर
यों ही
विश्वास
शब्द पक रहे हैं

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