चिड़िया और कविता
लिखना चाहता हूँ
चिड़िया पर एक कविता
चिड़िया के पंखों से होनी चाहिए
कविता की शानदार शुरुआत
जिनमें सिमटे हैं
न जाने कितने गगन
कविता को व्यक्त करना चाहिए
कि बातों ही बातों में
कितने सागर
कर लिए होंगे पार
कविता ने
और उठा लिए होंगे
कितने पहाड़ सर पर
किसी छोटी-सी
ज़िद की ख़ातिर
बाज़ के खतरे के बावजूद
किस कदर बेखौफ होकर
गुजर जाती है चिड़िया
उसकी सीमाओं से
इसका जिक्र तो
ज़रूर ही होना चाहिए
कविता में
और हाँ
यकबयक और खूबसूरती से
उभर कर
आना ही चाहिए
यह तथ्य
कि महज कविता का
विषय नहीं
असीम आकाश की
ऊँचाई है चिड़िया |