|
गरमा गरम जलेबी |
|
पापा गरमा गरम जलेबी
लेकर आये हैं
मुनियाँ ने पहचानी उनके
पैरों की आहट
मम्मी के मुखड़े पर आई
मीठी मुस्काहट
दादा तो दरवाजे से ही
आ पछियाए हैं
पापा गरमा गरम जलेबी
लेकर आये हैं
गंध मिली तो दादी जी का
पत्ता मन डोला
ताक रहीं थीं गरम जलेबी
वाला वह झोला
मुन्ना के हाथों संदेशे
दो भिजवाये हैं
पापा गरमा गरम जलेबी
लेकर आये हैं
गरम जलेबी मम्मी ने जब
सबको खिलवाई
ऊपर चढ़ी साँस थी सबकी
तब नीचे आई
चेहरों पर खुशियों के परचम
अब लहराए हैं
पापा गरमा गरम जलेबी
लेकर आये हैं
- प्रभुदयाल श्रीवास्तव
|
|
इस माह
जलेबी विशेषांक
में
गीतों में-
अंजुमन
में-
छंदमुक्त में-
छंदों में-
| |