जलेबी

 

 
भारत को बचाकर रखेगी
जलेबी
यों ही नहीं बन गया
वह ख़मीर
उसके पीछे है
हज़ारों बरस की साधना और अभ्यास
जिसे रात-भर में अंजाम दे दिया गया
इतनी क़रारी पूर्णता के साथ।

तपस्वी विलुप्त हो गए
घुस गए धनुर्धारी महानायकों के दौर
गांधी जी तक हलाक़ कर दिये गए
जलेबी मगर अकड़ी पड़ी है थाल पर
सिंककर खिली
किसी फूल की
वह सुंदर और गर्मागर्म
पेचीदा सरसता।

- वीरेन डंगवाल
१ अप्रैल २०२२

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