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सौगात जलेबी |
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कुदरत की सौगात जलेबी
खाओ बस दिन-रात जलेबी
नामुमकिन तुझको पढ़ पाना
तेरी है हर बात जलेबी
बर्फी, छेना हम क्या जानें
अपनी तो औक़ात जलेबी
बाजारों-मेलों-ठेलों में
कदम कदम इफ़रात जलेबी
काश मिले हरदम खाने को
दूध-जलेबी भात-जलेबी
तुमसे मीठा नाम तुम्हारा
वाह वाह क्या बात जलेबी
खाने को यदि मिले मुफ़्त तो
खूब उड़ाओ तात जलेबी
- जय चक्रवर्ती
१ अप्रैल २०२२ |
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