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वाह
जलेबी |
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मार कुण्डली बैठ जलेबी
सबका मन ललचाये
अन्तरमन में घोल चाशनी
जीवन मधुर बनाए
बच्चे बूढ़े और युवा को
खूब जलेबी भाती
अधरों पर मुस्कान सजाकर
दो दिल को मिलवाती
देश विदेशों में चर्चा है
जिलपी रंग जमाए
स्वाद अनोखा जो भी चख ले
भूल नहीं वह पाता
रखी मेज पर देख जलेबी
खिंचा चला जन आता
गरमा गरम जलेबी अपना
जलवा खूब दिखाए
बगदादी, तुर्की, क्या भारत
सबने इसको चाहा
हाथ उठाकर बोल उठे सब
वाह जलेबी वाहा
रंग केसरी काया टेढ़ी
सबको स्वाद लुभाए
- पुष्प लता शर्मा
१ अप्रैल २०२२ |
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