डाक्टर बंदर
एक शेर बीमार पड़ा
घबराता दिल पड़ा-पड़ा
जब शिकार को जाता था
दौड़ न बिल्कुल पाता था
दिल करता था धक-धक-धक
हृदय रोग का होता शक
किसी ने जाकर बात बताई
बंदर देता वहाँ दवाई
चला शेर भी आज वहाँ
बंदर बाँटे दवा जहाँ
बैठा बंदर पहने सूट
गले में टाई, पग में बूट
आला उसके लटक रहा
काजू, किशमिश गटक रहा
पहुँचा शेर तभी उस द्वार
बंदर को चढ़ गया बुखार
24 मई 2006 |