शशि पाधा
जन्म- २५
अक्तूबर १९४८ को भारत के जम्मू शहर में।
शिक्षा- जम्मू-कश्मीर विश्वविद्यालय से एम.ए हिन्दी, एम.ए
संस्कृत तथा बी. एड.
कार्यक्षेत्र-
अध्यापन, लेखन और समाज सेवा। आकाशवाणी
जम्मू के नाटक, परिचर्चा, वाद विवाद, काव्य पाठ आदि विभिन्न
कार्यक्रमों में भाग लेते हुए शशि पाधा ने लगभग १६ वर्ष तक
भारत में हिन्दी तथा संस्कृत भाषा में अध्यापन का कार्य किया।
सैनिक की पत्नी होने के नाते सैनिकों के शौर्य एवं बलिदान से
अभिभूत हो अनेक रचनाएँ लिखीं। इनके लेख, कहानियाँ एवं काव्य
रचनाएँ देश विदेश की विभिन्न पत्र
-पत्रिकाओं में छपती रहीं। साथ ही अनूप जलोटा तथा अन्य गायकों
ने उन्हें स्वरबद्ध करके गाया भी। २००२ में वे यू.एस.ए. आईं और
नार्थ केरोलिना के चैपल हिल विश्वविद्यालय में हिन्दी भाषा का
अध्यापन किया। इनकी रचनाएँ यू.एस. से प्रकाशित "प्रवासिनी के
बोल एवं कैनेडा से प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका हिन्दी चेतना
में प्रकाशित हो चुकी हैं। वे भारत तथा यू.एस.ए. की विभिन्न
साहित्यिक संस्थाओं से जुड़ी हैं।
प्रकाशित
कृतियाँ-
गीत-नवगीत संग्रह- पहली किरण, अमृत मंथन, अनंत की ओर तथा लौट
आया मधुमास।
समवेत संकलन- ‘कविता अनवरत’ (छंदमुक्त कविताओं का संकलन),
‘लघुकथा अनवरत’ (लघुकथा संकलन), ‘पीर भरा दरिया’ (माहिया
संग्रह), ‘अलसाई चाँदनी’ (सेदोका संग्रह) एवं यादों के पाखी’
(हाइकु संग्रह)।
संस्मरण संग्रह- शौर्य गाथाएँ।
पुरस्कार व
सम्मान-
१९६७ में वे सितार वादन प्रतियोगिता में
राज्य के प्रथम पुरस्कार से सम्मानित हुईं तथा १९६८ में जम्मू
विश्वविद्यालय से "ऑल राउंड बेस्ट वीमेन ग्रेजुयेट" के
पुरस्कार से।
संप्रति-
अपने परिवार सहित अमेरिका के वर्जीनिया राज्य में रहतीं हुईं
साहित्य सेवा में संलग्न।
ई मेल
shashipadha@gmail.com
|