अनुभूति में
नीलम जैन
की
रचनाएँ —
गीतों में-
बर्फ
बसंत
पढ़ पढ़ अखियाँ भर आई
माँ होना और माँ का होना
अंजुमन में —
ऐ सितारों
बेसबब
समझ बैठे
संकलन में —
धूप के पाँव–
दोपहर
वर्षा मंगल–
सावन का बदरा
प्रेमगीत–
राधा कर देना
गुच्छे भर अमलतास–
अलसा महीना
तुम्हें नमन–
श्रद्धांजलि
ज्योति पर्व–
दीप जलाएँ
एक दीप तुम्हारा
भी है
होली है– ऋतु
होली की आई
– रंग उड़ाती आई होली
काव्यचर्चा में
—
यों
हुई शुरुआत
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ए सितारों
ए सितारों दिये अब जला दीजिए
आज हमको हमीं से मिला दीजिए
एक एहसान ये कीजिए न सनम
जर्रा भर ज़िन्दगी को उड़ा दीजिए
एक तन्हा सा मौसम है खोया हुआ
आपको ग़र मिले तो बुला दीजिए
ना सुलगती निगाहों से देखो इधर
वक्त है अब भी नज़रें झुका लीजिए
इश्क की आबरू पे बहुत है यकीं
इक नशा है संभल कर जरा कीजिए
एक शिकवा यही दर्द ज्यादा है कम
सोये ज़ख्मों को फिर से हरा कीजिए
ए मेरे हमनफज़ मेरे साहब ए नज़र
कोई तकरार और कुछ गिल कीजिए
नाम तेरा न गैरों की दुनिया में हो
यूँ इबादत में बाहें उठा दीजिए |