अनुभूति में
नीलम जैन
की
रचनाएँ —
गीतों में-
बर्फ
बसंत
पढ़ पढ़ अखियाँ भर आई
माँ होना और माँ का होना
अंजुमन में —
ऐ सितारों
बेसबब
समझ बैठे
संकलन में —
धूप के पाँव–
दोपहर
वर्षा मंगल–
सावन का बदरा
प्रेमगीत–
राधा कर देना
गुच्छे भर अमलतास–
अलसा महीना
तुम्हें नमन–
श्रद्धांजलि
ज्योति पर्व–
दीप जलाएँ
एक दीप तुम्हारा
भी है
होली है– ऋतु
होली की आई
– रंग उड़ाती आई होली
काव्यचर्चा में
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यों
हुई शुरुआत
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पढ़ पढ़ अखियाँ भर
आई
स्वतंत्रता के गीत मधुर
पढ़ पढ़ अखियाँ भर आई
कैसे अत्याचार सहे
कितनों के थे खून बहे
बहुत सुनी गाथायें कि
वीरों ने जान गवाईं
पढ़ पढ़ अखियाँ भर आई
कोई गीत लिखूँ मैंने सोचा
याद देस की बरबस आई
आज भी अपनों ने जानें दी
आज भी हमने घर खोये
स्वतंत्र देश की धरती पर
ये कैसी रीत चलाई
पढ़ पढ़ अखियाँ भर आई
एक सुर मेरा भी संगत हो
प्रिय देश की हो सुनवाई
कभी उबलते नारों का ज्वर
कभी सुलगती चीखों का स्वर
प्राण एक हैं एक ही अम्बर
फिर क्यूँ सुबह भरमाई
पढ़ पढ़ अखियाँ भर आई
स्वतंत्रता के गीत मधुर
पढ़ पढ़ अखियाँ भर आई
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