अनुभूति में
नीलम जैन
की
रचनाएँ —
गीतों में-
बर्फ
बसंत
पढ़ पढ़ अखियाँ भर आई
माँ होना और माँ का होना
अंजुमन में —
ऐ सितारों
बेसबब
समझ बैठे
संकलन में —
धूप के पाँव–
दोपहर
वर्षा मंगल–
सावन का बदरा
प्रेमगीत–
राधा कर देना
गुच्छे भर अमलतास–
अलसा महीना
तुम्हें नमन–
श्रद्धांजलि
ज्योति पर्व–
दीप जलाएँ
एक दीप तुम्हारा
भी है
होली है– ऋतु
होली की आई
– रंग उड़ाती आई होली
काव्यचर्चा में
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यों
हुई शुरुआत
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बेसबब
बेसबब आशिकी को जीने की
हमको आदत है अश्क पीने की
दिल की बातें हैं साफगोई है
कौन ढूँढे नकाब पीने की
दोस्त बन रंजिशें निबाहते है
हमसफर धड़कनों से सीने की
नाराज़ बादल है के नहीं बरसे
आब बरसों छुपाये सीने की
ग़म भी मेरी गली से लौट चले
चाहते हैं वो उम्र जीने की
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