नाचें गाएँ दीप जलाएँ
दीवाली त्यौहार मनाएँ
अँधियारे में ज्योत जगा कर
कह दें प्यार की भाषा में
किरण बनें हम मुक्त गगन की
जीवन की परिभाषा में
नाचें गाएँ दीप जलाएँ
दीवाली त्यौहार मनाएँ
इक ज्योति नयनों में चमके
भावों के शुभ-शुभ अक्षत हों
रंगोली में चित्रित रंग
लिखे प्रेम के मुक्तक हों
नाचें गाएँ में दीप जलाएँ
दीवाली त्यौहार मनाएँ
मीठे गीत घुलें कंठ में
मृदु सरिता सी बहे रागिनी
दीप अनगिनत झिलमिल-झिलमिल
नृत्य नुपुर हो दमक यामिनी
नाचें गाएँ में दीप जलाएँ
दीवाली त्यौहार मनाएँ
- नीलम जैन
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