श्रद्धांजलि
गांधी के इस प्रेम-प्रांगण में
कभी न हो नफ़रत की होली
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम
गांधी जी का था पैगाम
सब धर्मो की
एक ही टोली
नहीं अहिंसा सहमे रहना
दानवता को सहते रहना
आत्मशक्ति की
बोलें बोली
शांति-अहिंसा का जीवन हो
रामराज का सत्य-स्वप्न हो
करें तरक्की
बन हमजोली
राष्ट्रपिता तुम जन संवेदन
कोटि-कोटि के दृढ़ आलंबन
भारत माँ के
चंदन रोली
जन्मदिवस पर धर्म निभाएँ
शुभ भविष्य के स्वप्न सजाएँ
अर्चन पूजन
और रंगोली
-नीलम जैन
|