मेरी पूजा की थाली में
एक दीप तुम्हारा भी है
खुशियों की वर्षा तुमको
गद-गद कर दे
प्रीत की फुलझड़ियाँ तुमको
जगमग कर दें
गीतों की इस स्वरमाला में
एक गीत तुम्हारा भी है
मेरी पूजा की थाली में
एक दीप तुम्हारा भी है
सदा सुहानी सुबह तुम्हारी
पावन हो
जब भी तुम कह दो तो मौसम
सावन हो
भूली बिसरी यादों में
एक पल ख़ास तुम्हारा भी है
मेरी पूजा की थाली में
एक दीप तुम्हारा भी है
हर दिन तुमको एक नया
विश्वास मिले
जीवन में आगे बढ़ने की
प्यास मिले
जीवन के महके गुलशन में
एक फूल तुम्हारा भी है
मेरी पूजा की थाली में
एक दीप तुम्हारा भी है
-नीलम जैन
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