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प्रेम गीत
विश्वजाल पर प्रेम कविताओं का पहला संग्रह

अब तो नींद 
अहेरी
अर्पण
आखिरी हिलोर तक
आज उनसे
आज के बिछड़े 

आदर्श प्रेम

आँखें नहीं भरीं
चाँद ने फिर से निहारा
जब भी
जवा कुसुम

जो तुम आ जाते

तुम कनक किरन
दूर हो जाने से

धुल गया है चित्र

नामांकन
प्रणय गीत
प्रिय मिलन
प्रेम 
प्रेम मूर्ति
फिर फिर
बाँधो न नाव
बाँधो मत बाँध
भावों के धागों को 

मानव

मीठी उलझन
मूक आभास
यह सम्मान
याद तुम्हारी
राधा कर देना

रूप बादल हुआ 

लगन लगी
वीथिका तुम
हे री मैं तो 
क्षणिकाएँ
 
राधा कर देना

होंठ सिये और आखें मींचे
बैठी मैं दर्पण के आगे
सखियों बाँधो केश मेरे
ध्यान रहे कोई लट न बहके

बिंदिया मेरे भाल सजाकर
माँग में श्रद्धाप्रेम बसाकर
दहके गालों पर गुलमोहर
मुझको तुम राधा कर देना
कान्हा को कोई नाम न देना

अन्तरमन में गीत लिये
सकुचाई सी प्रीत लिये
आँखो में काजल भर देना
ध्यान रहे कोई स्वप्न ना छलके

अँचरा चोली बाँध सँवारो
गले में प्रियतम की माला हो
कानो में फूलों सी बतियाँ
मुझको तुम राधा कर देना
कान्हा को कोई नाम न देना

जमुना तटपर अम्बुवा नीचे
मधुवन में पर्वत के पीछे
सखियों मेरे साथ चलो ना
ध्यान रहे कोई राह बचे ना

पाँव मेरे पायल और मेंहदी
बाजूबंद चूड़ियाँ खन खन
और कमर पर गगरी खाली
मुझको तुम राधा कर देना
कान्हा को कोई नाम न देना

— नीलम जैन

 

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