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आने वाले कल का
स्वागत
आने वाले कल का स्वागत, बीते-कल-से-सीख-लिया
नहीं किसी से कोई अदावत, बीते-कल-से-सीख-लिया
भेद यहाँ पर ऊँच नीच का, हैं आपस में झगड़े भी
ये दुनिया-तो-सिर्फ-मुहब्बत,-बीते-कल-से-सीख-लिया
हंगामे होते, होने दो, इन्सां तो सच बोलेंगे
सच कहना है नहीं इनायत, बीते-कल-से-सीख-लिया
यह कोशिश प्रायः सबकी है, हों मेरे घर सुख सारे
क्या-सबको-मिल-सकती-जन्नत,-बीते-कल-से-सीख-लिया
गर्माहट टूटे रिश्तों में, कोशिश हो, फिर से आए
क्या-मुमकिन-है-सदा-बगावत,-बीते-कल-से-सीख-लिया
खोज रहा मुस्कान हमेशा, गम से पार उतरने को
इस-दुनिया-से-नहीं-शिकायत,
बीते-कल-से-सीख-लिया
भागमभाग मची न जाने, किसको क्या क्या पाना है
सुमन सुधारो खुद की आदत, बीते-कल-से-सीख-लिया
१६ अप्रैल २०१२
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