पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति तुक-कोश

१. १. २०२२     

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कुण्डलिया हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला रचनाकारों से

आया है साल नया

 

 

गाओ रे, वन पाखी! आया है साल नया
हाथों में लेकर फिर खुशियों का
थाल नया

नींद से कुहासो की, सूरज फिर जागा है
पोटली समेटे फिर "गया साल" भागा है
बुनती हैं किरणे फिर रंगों का
जाल नया

भोर के पखेरू फिर डाल- डाल चहके हैं
प्रीति की किताबों में फिर गुलाब महके हैं
ठहरी इन लहरों में आ गया
उछाल नया

रंग नये सपनों के भरे हुए पाखों में
धूप की चिरैया फिर फुदक रही शाखों में
बाचती हवाये ये, मौसम का
हाल नया

उड़ती आशाओं की फिर नयी पतंगे हैं
मचल रही अन्तर में चम्पई उमंगे है
इच्छायें काढ़ रहीं रेश
मी
रूमाल नया

संदली दिशाओं ने स्वस्ति मंत्र बाँचे हैं
अभिमन्त्रित शंखों ने लक्ष्य नये साधे हैं
गूँज उठा जीवन में फिर से
सुर-ताल नया

- मधु शुक्ला

नव वर्ष अभिनंदन
प्रिय पाठकों, इस अंक के साथ अनुभूति अपने बाइसवें वर्ष में प्रवेश कर रही है। आप सभी का अभिनंदन और नववर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ। - टीम अनुभूति

उत्सव नववर्ष का

गीतों में-

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अनिल कुमार वर्मा

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ऋताशेखर मधु

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गिरिमोहम गुरु

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गोपालकृष्ण भट्ट आकुल

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जगदीश पंकज

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जयप्रकाश श्रीवास्तव

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निवेदिता निवि

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पद्मा मिश्रा

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पुष्प लता शर्मा

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मंजुल भटनागर

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मधु शुक्ला

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मनोज जैन मधुर

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रवि खंडेलवाल

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राममूर्ति सिंह अधीर

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योगेन्द्रदत्त शर्मा

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योगेन्द्र प्रताप मौर्य

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रंजना गुप्ता

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राकेश खंडेलवाल

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विश्वम्भर शुक्ल

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शशि पाधा

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शैलेन्द्र शर्मा

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शैलेश गुप्त वीर

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श्रीधर आचार्य शील-

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अंजुमन में-

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अमित खरे

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आभा खरे

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कुंतल श्रीवास्तव

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परमजीत कौर रीत

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मंजुल मंज़र

दोहों में-

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ज्योतिर्मयी पंत

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मंजु गुप्ता

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सुरेन्द्र कुमार शर्मा

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प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन