बारह मास व्यतीतकर, आता जब
नववर्ष
आशाओं के दीप से, मन में होता हर्ष
नव दिन शुभ नववर्ष हो, सुख समृद्धि का योग
अपनों के सौजन्य से , मिले सुखद संयोग
समय अनादि अनंत है, सदा रहे
गतिमान
जीवन में सुविधा बने, पल छिन का अनुमान
बीते दिन की याद को, मन में लेकर साथ
स्वागत हो नववर्ष का, नमन करें निज माथ
उम्मीदें सब पूर्ण हों, चलें समय के साथ
भेद भाव को छोड़ के, सभी मिला लें हाथ
सुख व शांति से रह सकें, रहें दूर सब रोग
विगत वर्ष की व्याधियाँ, व्यापें नहीं वियोग
मनोकामना पूर्ण हो, बने सभी के काम
उन्नति घर परिवार की, बहुविध हो आयाम
नया साल आकर बने, सबके हित वरदान
निज शक्ति सामर्थ्य से, करें सभी श्रमदान
केवल उम्मीदें नहीं, अपना भी सहयोग
नवल वर्ष में कर सकें, हम उन्नति संयोग
नवल वर्ष अब आ रहा, दो हजार बाईस
विश्व शांति, ऐश्वर्य हो सबके घर जगदीश
-ज्योतिर्मयी पंत
१ जनवरी २०२२ |