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नया है साल |
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नया है साल अपने साथ खुशियाँ
चाव लाएगा
पकड़ उम्मीद का दामन, यही बदलाव लाएगा
नये सपने इरादे कोशिशें रस्तों से मंजिल है
ये ताजा साल का मिसरा ही अब फैलाव लाएगा
भटककर थक गये थे जो उन्हें सुनकर तसल्ली है
नजूमी कह रहा था साल ये ठहराव लाएगा
जो कल पत्ते व शाखाएँ परस्पर थे उलझते, अब
पवन का हर मधुर झोंका पुनः सद्भाव लाएगा
रहा उस पर भरोसा है रहेगा भी हमेशा, 'रीत'
वो माँझी एक दिन साहिल पे अपनी नाव लाएगा
- परमजीत कौर 'रीत
१ जनवरी २०२२ |
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