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एक नया यह वर्ष |
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सुबह किरण भरने लगी, धरती
में जब हर्ष
बिन दस्तक के आ गया, एक नया यह वर्ष
बिन बोले ही आ गया, अपने घर मेहमान
साथ चला है झूमकर, जान नहीं पहचान
नई मिलें उपलब्धियाँ, नये मिलें आधार
नित हर पल मिलते रहें, सपने, खुशियाँ, प्यार
मन आँगन में छा गया, एक नया उत्कर्ष
हौले-हौले आ गया, हर्ष लिये नववर्ष
शहनाई हर पल बजे, फूल खिले हों द्वार
नये वर्ष में आपके, हर दिन हो त्यौहार
- सुरेन्द्र कुमार शर्मा
१ जनवरी २०२२ |
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