लिप्साओं ने
सारे घर को
अंधी हैं वे
गंदी हैं वे
स्वारथ की सम्बन्धी हैं वे
जीवन उनने और और अश्लील किया है
लिप्साओं ने सारे घर को लील लिया है।
ममता खोयी
समता खोयी
जीवन की सुन्दरता खोयी
निर्ममता से कोमलता को छील दिया है
लिप्साओं ने सारे घर को लील लिया है।
दायें-बायें
आशंकायें
कौन जिसे आवाज़ लगायें
विश्वासों को दूर हज़ारों मील किया है
लिप्साओं ने सारे घर को लील लिया है।
१५ दिसंबर २००८ |