अनुभूति में
अश्विन गांधी की कविताएँ-
नई रचनाओं में-
कारवाँ
खुशी और दर्द
सूरज ढलता है
छंदमुक्त में-
अपनी खुशी के लिये
अनुभूति एक साल की
ओ अनुभूति! जनमदिन मुबारक तुझे
कोई आता नहीं
बुढ़ापा
मध्य समंदर
मुझे कुछ कहना है
अनुभूति
तुम्हारी हो या हमारी
मेरा दोस्त मेरा आसमाँ
संकलन में-
वसंती हवा –
गीत वसंत के
धूप के पांव –
गरमी
गांव में अलाव –
आज सुबह
गुच्छे भर अमलतास–सोचता
हूँ
पिता की तस्वीर–
शिवास्ते पंथानः सन्तु
ज्योति पर्व–
एक दिया जले
–
कोटि कोटि दीप जलें
नया साल–
नया साल आने को है
ममतामयी–
माँ प्यारी माँ
क्षणिकाओं में-
पतंग
आँखों से
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मेरा दोस्त मेरा आसमाँ
जब कभी परेशानी होती है
आसमाँ को देख लेता हूँ
गम हल्का हो जाता है
मुस्कराहट छा जाती है
दिल पुकार उठता है
मेरा दोस्त मेरा आसमाँ
चित्रकार कोई अजीब
आसमाँ बना दिया
सुबह हो या शाम
दिन हो या रात
सूरज चाँद
टिमटिमाते तारे
कभी बादल कभी बारिश
कोहरा कभी कभी इंद्रधनुश
जब भी देखूँ
रूप नये रंग निराले
अनंत अगाध असीम
समा ले मुझे
आसमाँ दोस्त मेरा
मेरा दोस्त मेरा आसमाँ
२६ अगस्त २००४ |