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४ जुलाई २००३ को मधुर मेहता की बेटी ने जन्म लिया। हमें सूचित किया कि
उन्होंने अनुभूति नाम रखा है। अपनी अनुभूति के जन्मदिन के साथ मधुर मेहता की अनुभूति के प्रति शुभकामना व्यक्त करते हुए हमारे परियोजना निदेशक अश्विन गांधी की काव्यमय अभिव्यक्ति प्रस्तुत है-


   अनुभूति तुम्हारी हो या हमारी

मधुर मेहता की चिठ्ठी आयी
चार जुलाई की तारीख थी
बिटिया जन्मी मेरे घर
देखी आप की अनुभूति
बिटिया हमारी बन गई अनुभूति!

फूल खिल उठे महक महक हो गई
मुस्कुराहट रूकी रूकी नहीं
पहली जनवरी हो या चार जुलाई
अनुभूति रूक नहीं सकती
है अनुभूति सब को प्यारी
हमारी हो या तुम्हारी...

मधुर अनुभूति तुम्हारी
दिल चुराती अनुभूति हमारी
गूँजे गीत आलम आलम
मस्त मुक्त उड़ान हो
ओ अनुभूति
जनमदिन मुबारक
हर दिन हो जनमदिन तेरा
जुग जुग जिये अनुभूति
हमारी हो या तुम्हारी...

— अश्विन गांधी
बाबा और बेटी

अनुभूति अब

(अनुभूति के चित्र मधुर मेहता के सौजन्य से)

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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