| मेरी दुनिया ये ख़्वाबों ख़यालों विचारों की दुनियामन को दुखाते कुछ सवालों की दुनिया
 उस कोने पड़ी एक शराब की बोतलइस कोने पड़ी खाली थालों की दुनिया
 दौड़ते औ' भागते रास्तों का फंदाया तन्हा सिसकती राहों की दुनिया
 तू कौन क्या तेरा क्या उसका क्या मेराकुछ बनते बिगड़ते सहारों की दुनिया
 एक कमरे मे पलते सपनों की दुनियाएक कमरे में ख़्वाब के मज़ारों की दुनिया
 24 सितंबर 2007 |