वसंती हवा
                      विश्वजाल पर वसंती रचनाओं का अनूठा संग्रह

अनुक्रम

 २००९ की वसंत कविताएँ

ओमप्रकाश तिवारी आयो बहार (दो छंद)
कमल किशोर भावुक ऋतुराज आ गए (छंद)
  दो मधुमास मुक्तक
बसंत गीत
 कुसुम सिन्हा आया है वसंत सखि
वसंत फिर आने वाला है
जीतेन्द्र चौहान वसंत का नया शास्त्र
तेजराम शर्मा पहाड़ पर बसंत
निर्मल गुप्ता शब्द सफ़ेद पाखी और पीली तितलियाँ
१० मधुलता अरोरा जादूगर वसंत
११ महेन्द्र भटनागर बसंत आ गया (गीत)
१२ महेश चन्द्र गुप्त ख़लिश आना वसंत का
मानोशी चैटर्जी सखि वसंत आया
यतीन्द्र राही आएँगे ऋतुराज (दोहे)
आए हैं पाहुन वसंत के
डॉ. रमा द्विवेदी प्रीत से नहाई है
राकेश खंडेलवाल बसन्ती बही फिर हवा
राजेन्द्र शुक्ल राज बसंती पवन
रामनारायण त्रिपाठी पर्यटक जब आया मधुमास (दोहे)
विनय जोशी बसंत आमंत्रण
२१ श्यामल सुमन वसंती हवा
२२ शशि पाधा वसंतागमन
शार्दूला वसंत आएगा
शास्त्री नित्यगोपाल कटारे देखो वसंत आ गया
सरस्वती माथुर दो फागुनी आकांक्षाएँ
आया है फागुन

२००८ की वसंत कविताएँ

एक गीत बसंत के स्वागतार्थ डॉ. अली अहमद अब्बास उम्मीद
केसर चंदन चाँदनी राजनारायण चौधरी
छाया वसंत मानसी चैटर्जी
जब बसंत ऋतु जागी सावित्री तिवारी आज़मी
जश्ने बहारां आएगा चाँद हदियाबादी
प्रीत लोक डॉ. अश्वघोष
फागुन हँसता डॉ. गोपाल बाबू शर्मा
बसंत अमरपाल सिंह
बसंत हेम ज्योत्स्ना
१० बसंत आएगा स्वप्निल श्रीवास्तव
११ बसंत में प्राण शर्मा
१२ बिना टिकट के गंध लिफ़ाफ़ा इसाक अश्क
१३ मधुमास में प्राण शर्मा
१४ मौसम बसंती आशा जोगलेकर
१५ वसंत उदय प्रकाश
१६ वसंत सुरेश ऋतुपर्ण
१७ वसंत का एक दिन त्रिलोचन
१८ वसंत सी तुम अनिल जनविजय
१९ वासंती-दोहे गिरीश बिल्लोरे मुकुल
२० सीधी है भाषा बसंत की त्रिलोचन
२१ सुन ले सखि अविनाश वाचस्पति
     

 २००७ की वसंत कविताएँ

आज होली है नरेंद्र नाथ टंडन ''साहिल लखनवी''
आया है फागुन आया है फागुन
ऋतु फगुनाई है डॉ. इसाक अश्क
गिरगिट श्यामल सुमन
दस्तख़त पलाश के बृजनाथ श्रीवास्तव
दोहे फागुन के डॉ. रामसनेही लाल शर्मा ''यायावर''
प्रत्यंचा टूट गई कैलाश पचौरी
फाल्गुन का गीत डॉ. ओमप्रकाश सिंह
फूले फूल पलाश नचिकेता
१० बरसे उन्माद फुहार दिव्यांग पुरोहित
११ बोलो बसन्त! तुम कब आओगे? मंजु महिमा भटनागर
१२ रंगों का त्यौहार पवन शाक्य
१३

वन में फूले ढाक, ओ पिया!

श्रीकृष्ण शर्मा
१४ वासंती धूप कृष्णा नंद कृष्ण
१५ होली की उमंग नीलम जैन
१६

होली के दोहे

सुनील जोगी
१७ होली के तीन छंद

आदित्य शुक्ल

१८ होली में जगदीश प्रसाद सारस्वत ''तैयब''

 २००१ की वसंत कविताएँ

 
आए महंत वसंत सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
आकुल वसंत डॉ सुरेशचंद्र शुक्ल
आज हैं केसर रंग रंगे वन गिरिजा कुमार माथुर
आमंत्रण केशरी नाथ त्रिपाठी
इन ढलानों पर मंगलेश डबराल
एक गीत और कहो पूर्णिमा वर्मन
ऋतु का शृंगार है भगवत शरण श्रीवास्तव 'शरण
ऋतुओं में न्यारा वसंत महादेवी वर्मा
ऋतुराज आ गया अज्ञेय
१० कभी कभी निर्मला वर्मा
  ११ काश मिलो तुम भी सुमन कुमार घेई
१२ कोकिला लावण्या
१३ गीत वसंत के अश्विन गांधी
१४ घरौंदा डॉ. सरस्वती माथुर
१५ जाने क्या बात हुई इंदिरा परमार
१६ देह का संगीत अनूप अशेष
१७ धरती के इस क्षणिक कंप से ज्ञानराज माणिकप्रभु
१८ पाहुन है रसराज शिवप्रसाद 'कमल'
१९ फगुनाया-सा मन उषा चौधरी
२० फागुन मचा है डॉ. हरिमोहन
२१ फागुन में डॉ. हरीश निगम
२२ फागुनी आँगन डॉ. सरस्वती माथुर
२३ फूल फूल कर फूल रहे हैं बुद्धि प्रकाश पारीक
२४ बसंत सोहनलाल द्विवेदी
२५ बसंत (२) दिव्या माथुर
२६ बसंती हवा केदारनाथ अग्रवाल
२७ बहार दिव्या माथुर
२८ बादल लिए गुलाल शिवनारायण सिंह
२९ भँवरा दिव्या माथुर
३० मधुगीत रामेश्वर शुक्ल अंचल
३१ महुए की डाली पर उतरा वसंत डॉ. अजय पाठक
३२ वसंतागम प्रभाकर माचवे
३३ वसंत आ गया अज्ञेय
३४ वसंत सुमित्रानंदन पंत
३५ वसंत आया  सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
३६ वसंत गीत द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
३७ वसंत घर आ गया कन्हैयालाल नंदन
३८ वासंती दोहे गोविंद अनुज
३९ वासंती वैभव मीनाक्षी धन्वंतरि
४० वीरों का कैसा हो बसंत सुभद्रा कुमारी चौहान
४१ शाम रच गई माहेश्वर तिवारी
४२ साँझ फागुन की रामानुज त्रिपाठी
४३ सेमल के गाँव में डॉ. शीला मिश्रा

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