खाली हाथ आए
और खाली ही जाएँगे
दे कर इस मौसम को-
गीत वसंत के।
लंबे सफर में
कठिन डगर में
मिलें सभी को
खिलें सभी पर
शाम सुरमई
सुबह सिंदूरी
सुखमय हों सभी छोर
फैले अनंत के
दे कर इस मौसम को-
गीत वसंत के।
चहकते पंछी
महकते गुलशन
भँवरों की गुनगुन
दूब के आँगन
उमंग का आँचल
उम्मीद का संबल
पूरे हों सपने -
आदि से अंत के
दे कर इस मौसम को-
गीत वसंत के।
|