अनुभूति में
उषा राजे सक्सेना की रचनाएँ-
कविताओं में
अस्तित्व की पहचान
इंद्रधनुष
तितली उड़ी
पदचिह्न
पुनर्जनम
लंदन का वसंत
सर्मपण
यात्रा का आरंभ
अंजुमन में
जब भी कोई कहानी लिखना
ज़िन्दगी को स्वार्थ का
प्यार में भी कहीं
परिंदा याद का
फ़िज़ाँ का रंग
रात भर काला धुआँ
संकलन में-
ज्योति पर्व-दीपावली
के आलोक में
आशा के दीप
आलोक पर्व
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पुनर्जनम
मैं जो न धरा हूँ
और
न अम्बर
फिर नमिका कैसे हो सकती हूँ
दोनों के बीच एक बहकी मंद बयार हूँ
कैसे बताऊँ अपना पता
प्रपात की एक छिटकी छहराई बूँद
कैसे लिखूँ अपना जीवन वृत्त
मेरे अंदर गहरे में,
कोई ताप उठता है
कोई स्पर्श है जो मुझे
बूँद-बूँद पसीजता
घड़ी-घड़ी पिघलाता है
लगता है अन्दर कहीं
अतल गहराई में
मेरा पुर्नजन्म हो रहा है -
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