घर लौट रहे हैं
बच्चे स्कूल जा रहे हैं
बच्चे!
पोथियों की लादी लादे
आँखों में नींद झपझपाते
देर रात
चुपके-चुपके देखी
फिल्म की बातें
बतियाते जा रहे हैं बच्चे!
रिक्शों में लदे फदे
ढेर बस्ते लटकाए
बस में लड़ते-झगड़ते
ऊँघते-गाते जा रहे हैं बच्चे!
बज न जाए पहली घंटी
फटे जूतों की खैर मनाते
डर से भागे जा रहे हैं बच्चे!
प्रार्थना में प्रभु से
विद्या की भीख माँग
'क्लास रूमों' की ओर
दौड़ रहे हैं बच्चे!
टाट-पट्टी बिछाते
डेस्कों पर धमाचौकड़ी करते
ब्लैकबोर्ड पर कार्टून बना
मास्साब की गैर हाज़िरी में
शोर मचा रहे हैं बच्चे!
छीना-झपटी में
अरे-अरे फटी किताब
धक्का-मुक्की में
देखो-देखो गिरी दवात
कॉपी के पन्ने
फाड़-फाड़
काग़ज़ की नाव
बना रहे हैं बच्चे!
भारत देश महान की इमला लिखाते
'टीचर जी' को आया ध्यान
ओ गनेशी के छोरे
कब लाएगा 'टूशन' के पैसे
नालायक! कैसे होगा पास?
साल-दर-साल
फेल होने के लिए
तैयार हो रहें हैं बच्चे!
स्कूल में भ्रष्टाचार का
पहला पाठ पढ़
घर लौट रहे हैं बच्चे!
१६ जनवरी २००६ |