जवाब
सलोना-सा मुखड़ा
मादक मुस्कान,
यौवन का उन्माद
ऊर्जा का उठान।
प्रेमी युगल
नीड़ का निर्माण।
एकाग्र मन
व्यस्त जीवन
भागम-भाग।
काम-काम,
बस काम।
बीती दोपहर
लंबी थकान।
खुला आकाश
युवा परिंदे
मुक्त उड़ान।
देह कंपन,
धुँधली आँख।
पूछती सवाल,
माँगती हिसाब
बिन-बुलाई शाम।
चेतन-विराट
हथेली पर लिखा
मेरे होने का,
जवाब।
24 जुलाई 2007 |