मुझको पत्थर
अगर
मुझको पत्थर अगर
कहा जाए
घर की बुनियाद में चिना जाए
हर तरफ़ संखिया हवाओं में
दूर जाकर कहाँ रहा जाए
लाख चाहो नहीं निकल सकता
दिल में कोई अगर समा जाए
ये नियम है कि बोल सकते हो
मशवरा ये है चुप रहा जाए
मुझसे दुनिया की दुश्मनी क्या है
मुझको ये तो बता दिया जाए
कोई अपना तो हो नही सकता
कौन मुड़ मुड़ के देखता जाए
६ जुलाई २००९
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