| करो हमको न शर्मिंदा करो हमको न शर्मिंदा बढ़ो आगे कहीं बाबाहमारे पास आँसू के सिवा कुछ भी नहीं बाबा
 कटोरा ही नहीं है हाथ में बस इतना अंतर हैमगर बैठे जहाँ हो तुम खड़े हम भी वहीं बाबा
 तुम्हारी ही तरह हम भी रहे हैं आज तक प्यासेन जाने दूध की नदियाँ किधर होकर बहीं बाबा
 सफाई थी सचाई थी पसीने की कमाई थीहमारे पास ऐसी ही कई कमियाँ रहीं बाबा
 हमारी आबरू का प्रश्न है सबसे न कह देनावो बातें हमने जो तुमसे अभी खुलकर कहीं बाबा
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