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रामशंकर वर्मा

जन्म- जनपद-उन्नाव, उत्तर प्रदेश के गाँव "रानी जयदेई खेडा" में ८ मार्च, १९६२ को जन्म।
शिक्षा- लखनऊ विश्वविद्यालय से संस्कृत, अंग्रेजी और अर्थशास्त्र के साथ स्नातक।

कार्यक्षेत्र-
सरकारी सेवा एवं स्वतंत्र लेखन। बचपन से ही साहित्य के प्रति अत्यधिक अनुराग रहा है। जूनियर स्कूल-पंसरिया, में हिंदी के शिक्षक आदरणीय गोविन्द प्रसाद द्विवेदी के वरदहस्त से काव्य गायन और सृजन प्रतिभा का प्रस्फुरण. तथा धार्मिक प्रवृति के कारण दर्जनों कीर्तनों, फाग इत्यादि का सृजन। १९८७ से सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश में नौकरी मिलने के साथ ही कविता लेखन पुनः प्रारंभ हुआ। दो वर्ष पूर्व मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार के भाषा विभाग के योजना अंतर्गत उर्दू भाषा सीखी और डिप्लोमा प्राप्त किया। वर्तमान में अवधी लोकगीतों के संकलन का कार्य प्रगति पर है।

प्रकाशित कृतियाँ-
वेब तथा पत्रपत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।

संप्रति-
सिंचाई विभाग के अंतर्गत 'उत्तर प्रदेश जल प्रबंधन नियामक आयोग' में अध्यक्ष महोदय के निजी सचिव के पद पर कार्यरत।

ईमेल- rsverma8362@gmail.com  

 

अनुभूति में रामशंकर वर्मा की रचनाएँ-

कुंडलिया में-
माता-पिता

नए गीतों में-
अरी व्यस्तता
फागुन को भंग
बाहर आओ
बूँदों के मनके
साहब तो साहब होता है

गीतों में-
एक कविता उसके नाम
तुम बिन
यह अमृतजल है
सखि रंग प्रीत के डाल
साथी कभी उदास न होना

 

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