अश्विनी कुमार
विष्णु
जन्म : २५
सितंबर १९६६; गाँव-मानावाला, तहसील-ठाकुरद्वारा,
ज़िला-मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)
शिक्षा : बी॰एस-सी॰, एम॰ ए॰ (अंग्रेजी साहित्य), तथा पी-एच॰
डी॰।
प्रकाशित कृतियाँ:
हिन्दी में तीन काव्य संग्रह- सुरों के ख़त, सुनहरे मंत्र का
जादू और सुनते हुए ऋतुगीत। इसके अतिरिक्त अनेक अंग्रेजी व
हिंदी पुस्तकों पत्रिकाओं में लेखन व संपादन। आकाशवाणी व
दूरदर्शन से रचनाओं का प्रकाशन प्रसारण। अनेक शोध-पत्र विभिन्न
समीक्षाग्रन्थों में संकलित-प्रकाशित।
सम्मान: ‘होम ऑफ़ लेटर्स’, भुवनेश्वर का ‘एडिटर्स चॉइस
अवार्ड-२००९’, अखिल भारतीय गुजराती समाज संस्था का
‘साहित्य-गौरव सम्मान-२०११’।
संप्रति: सीताबाई आर्ट्स कॉलेज अकोला (महाराष्ट्र) में
अंग्रेज़ी के ‘एसोसिएट प्रोफेसर’ एवं विभागाध्यक्ष।
संपर्क :
kumarashwini.vishnu@gmail.com
|
|
अनुभूति में अश्विनी
कुमार विष्णु
की रचनाएँ—
छंदमुक्त में-
ऊँचाई
घर
जलस्तर
थकन
वन देवता
हाइकु में-
बारह हाइकु मौसम के नाम
गीतों में-
चंदा मामा
रहो न अब यों
चलना पथ पाना है
तटबन्धों-का टूटना
मन की पहरेदारी में
मेघ से कह दो
अंजुमन में-
टूटे-फूटे घर में
फ़ुर्सत मिले तो
बिना मौसम
शहर में
संकलन में-
नयनन में नंदलाल-
प्रभुकुंज बिहारी
नया साल-
नया क्या साल में है
ममतामयी-
जय अम्बिके
विजयपर्वी-
आशाएँ फलने को विजयपर्व कहता चल
पिंजरे का तोता
होली है-
फागुन की पहली पगचाप
हरसिंगार-
मन हरसिंगार
|