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अभिव्यक्ति तुक-कोश

१. ४. २०२१     

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कुण्डलिया हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला रचनाकारों से

उत्सव वाले दिन

 

 

लगे तैरने सभी स्वप्न में उत्सव वाले दिन
चैत्र के उत्सव वाले दिन
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चैत्र चेतुओं के जीवन का है पहला उत्सव
यौवन पाते रहे सभी पीकर श्रम का आसव
नहीं दृष्टि पथ में दिखते
मेहनतकश वाले दिन
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मुड़े पृष्ठ देखे संस्कृति के कहाँ गुड़ी पड़वा
सम्वत्सर के स्वागत में है कहाँ पुड़ी हलवा
विक्रम संवत के विक्रम
अभिनंदन वाले दिन
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राम भक्त टकटकी लगाकर देख रहे सारे
रामजन्म का उत्सव होगा घर मन्दिर द्वारे
क्या नसीब ना हो पाएँगे
दर्शन वाले दिन
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किन्तु ध्वंस की छाती पर फिर फूटेंगे अंकुर
रोयेगा खुद ही कोरोना सुन साहस के सुर
निश्चित पुनः देख पाएँगे
उत्सव वाले दिन
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- गिरि मोहन गुरु
इस माह
चैत्र के उत्सवी मौसम को समर्पित

उत्सवी गीतों में-

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अनामिका सिंह

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अनिल कुमार वर्मा

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अमित खरे

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अशोक गीते

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आकुल

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आभा सक्सेना दूनवी

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उमेश मौर्य

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ओमप्रकाश नौटियाल

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गिरिमोहन गुरु

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ज्योतिर्मयी पंत

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दिनेश यादव

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पुष्पलता शर्मा

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मंजु गुप्ता

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मधु संधु

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रमा प्रवीर वर्मा

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राजा अवस्थी

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शार्दुला नोगजा

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सरस दरबारी

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सुरेन्द्र कुमार शर्मा

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सुरेन्द्रपाल वैद्य

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हरिवल्लभ शर्मा हरि

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त्रिलोक सिंह ठकुरेला

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राम गीतों में-

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कुंतल श्रीवास्तव

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रविशंकर मिश्र रवि

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मधु प्रधान

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देवी गीतों में-

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मनोज जैन मधुर

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रंजना गुप्ता

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प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन