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हर दिन त्योहार

 
मेरे देश में हर दिन त्योहार
दिन दूना और रात चौगुना बढ़ता जाए प्यार

महक उठे मन सौंधी खुशबू जब लाई पुरवाई
धानी चूनर पहन खेत की हर डाली मुसकाई
डाली-डाली फूल खिले, मौसम ने ली अँगड़ाई
गली-मुहल्ले, घर-घर में खुशियों की बँटी मिठाई
झूम-झूम कर नाचो गाओ, चैता, घूमर यार

चैत सचेत करे कि स्वास्थ्य पर, ध्यान धरे जग सारा
तन मन स्वस्थ रहे तब मनता, पर्वोत्सव हर न्यारा
चैती फसल कटे आता है, पर्व वैशाखी प्यारा
ढोल, नगाड़ा, चंग, मजीरा, ढफ, अलगोजा, तारा
घूम-घूम गणगौर मनाओ, ईसर गौरा वार

आगे पीछे दौड़े आते, पर्व मनोरथ सारे
दुख हलके करते संस्कृति के, ये हैं अजब सहारे
सर्वधर्म समभाव अतिथि-देवोभव से हर नारे
सत्यमेव जयते, वसुधैवकुटुम्बकम् के गुण न्यारे
भूम-भूम गोपाल सजाओ, गाओ ध्रुपद-धमार

-आकुल
१ अप्रैल २०२१

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