मेरा जीवन
बंजारा है मेरा जीवन
बंजारा है
इक टूटा तारा है
सत्य मार्ग पर चलते-चलते
बेचारा हारा है।
बहुत किया विश्वास खुशी पर
लेकिन गम की जीत हुई है।
गुलशन फूलों लदा मिला था
पर काँटों से प्रीत हुई है।
कैसे समझाऊँ इस मन को
ये तो आवारा है।
सपनों के बादल से टुकड़े
आँसू बन कर बरस गए।
बैरागी मन के आँगन में
प्यासे अरमाँ तरस गए।
कैसे बुझाऊँ प्यास में अपनी
सारा जल खारा है।
१६ फरवरी २००९ |