अनुभूति में
दिनेश सिंह की रचनाएँ-
नई रचनाओं में-
अकेला रह गया
चलो देखें
नाव का दर्द
प्रश्न यह है
भूल गए
मैं फिर से गाऊँगा
मौसम का आखिरी शिकार
गीतों में-
आ गए पंछी
गीत की संवेदना
चलती रहती साँस
दिन घटेंगे
दिन की चिड़िया
दुख के नए तरीके
दुख से सुख का रिश्ता
नए नमूने
फिर कली की ओर
लो वही हुआ
साँझ ढले
हम देहरी दरवाजे
संकलन में-
फूले फूल कदंब-
फिर कदंब फूले
संकलन में-
फूले फूल कदंब-
फिर कदंब फूले
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प्रश्न यह है
प्रश्न यह है-
भरोसा किस पर करें
एक नंगी पीठ है
सौ चाबुकें
बचाने वाले
कभी के जा चुके
हम डरें भी तो
भला कब तक डरें
स्वप्न हमसे
जी चुराते जा रहे
आँख सुरमे से
सजाते रहे
आँसुओं से
हम इन्हें कब तक भरें
घरों के भीतर
अजाने रास्ते
अलग-अलग बँटे
हमारे वास्ते
झनझनाते पाँव
जब इन पर धरें
९ जुलाई २०११
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