दिनेश सिंह
(१४ सितम्बर १९४७-२ जुलाई २०१२)
जन्म- १४ सितम्बर
१९४७ को रायबरेली (उ.प्र.) के गाँव गौरारुपई में।
शिक्षा- स्नातक
कार्यक्षेत्र- उत्तर प्रदेश शासन के स्वास्थ्य विभाग से सेवा
निवृत्त श्री दिनेश सिंह नवगीत के सशक्त हस्ताक्षर हैं। सही
मायने में कविता का जीवन जीने वाले दिनेश जी ने न केवल
तत्कालीन गाँव-समाज को देखा-समझा है और जाना-पहचाना है उसमें
हो रहे आमूल-चूल परिवर्तनों को, बल्कि उन्होंने अपनी संस्कृति
में रचे-बसे भारतीय समाज के लोगों की भिन्न-भिन्न मनःस्थिति
को भी बखूबी परखा है, जिसकी झलक उनके गीतों में पूरी लयात्मकता
के साथ दिखाई पड़ती है।
प्रकाशित कृतियाँ-
देश की लगभग सभी बड़ी-छोटी पत्र-पत्रिकाओं में आपके गीत, नवगीत
तथा छन्दमुक्त कविताएं, रिपोर्ताज, ललित निबंध तथा समीक्षाएं
निरंतर प्रकाशित होती रहीं हैं। 'नवगीत दशक' तथा 'नवगीत
अर्द्धशती' के नवगीतकार तथा अनेक चर्चित व प्रतिष्ठित समवेत
कविता संकलनों में गीत तथा कविताएँ प्रकाशित।
नवगीत संग्रह-
'पूर्वाभास', 'समर करते हुए', 'टेढ़े-मेढ़े ढाई आखर', 'मैं फिर
से गाऊँगा'।
संपादन-
चर्चित व स्थापित अनियत कालीन कविता पत्रिका 'नये-पुराने' के
आप संपादक हैं।
सम्मान व पुरस्कार-
राजीव गांधी स्मृति सम्मान, अवधी अकेडमी सम्मान, पंडित
गंगासागर शुक्ल
सम्मान, बलवीर सिंह 'रंग' पुरस्कार से अलंकृत किया जा चुका है।
आदि पुरस्कारों
से अलंकृत। |
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अनुभूति में
दिनेश सिंह की रचनाएँ-
नई रचनाओं में-
अकेला रह गया
चलो देखें
नाव का दर्द
प्रश्न यह है
भूल गए
मैं फिर से गाऊँगा
मौसम का आखिरी शिकार
गीतों में-
आ गए पंछी
गीत की संवेदना
चलती रहती साँस
दिन घटेंगे
दिन की चिड़िया
दुख के नए तरीके
दुख से सुख का रिश्ता
नए नमूने
फिर कली की ओर
लो वही हुआ
साँझ ढले
हम देहरी दरवाजे
संकलन में-
फूले फूल कदंब-
फिर कदंब फूले
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