आग लगे इस राम-राज
में आग लगे इस राम-राज
में
ढ़ोलक मढ़ती है अमीर की
चमड़ी बजती है गरीब की
खून बहा है राम-राज में
आग लगे इस राम-राज में
आग लगे इस राम-राज में
रोटी रूठी, कौर छिना है,
थाली सूनी, अन्न बिना है,
पेट धँसा है राम-राज में
आग लगे इस राम-राज में
२२ दिसंबर २००८ |